Faridabad Nikita Tomar, court approves main accused Tausif’s family anticipatory bail in connection with kidnapping two years ago | मुख्य आरोपी तौसीफ के परिजनों की दो साल पहले अपहरण के मामले में अग्रिम जमानत मंजूर

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फरीदाबाद14 दिन पहले
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फरीदाबाद की बी-कॉम फाइनल ईयर की छात्रा निकिा, जिसका 2 साल पहले अपहरण किया गया तो अब 26 अक्टूबर को मर्डर ही कर दिया गया। -फाइल फोटो
- 26 अक्टूबर 2020 को की गई थी बल्लभगढ़ के अग्रवाल कॉलेज में B.Com फाइनल ईयर की छात्रा निकिता की हत्या
- मुख्य आरोपी तौसीफ के पिता, मां और चाचा की 2018 के अपहरण केस में गिरफ्तारी के लिए वारंट पर कोर्ट ने रोक लगाई
फरीदाबाद में सोमवार को निकिता तोमर की हत्या से दो साल पहले अपहरण के मामले में सुनवाई हुई। आज की सुनवाई में कोर्ट ने हत्याकांड के मुख्य आरोपी तौसीफ के परिजनों अग्रिम जमानत याचिका मंजूर कर ली है। साथ ही 2 दिन के भीतर जांच में शामिल होने का भी आदेश दिया है। मामला 2 साल पुराने अपहरण का है, जब राजनैतिक दबाव के चलते निकिता के परिवार द्वारा समझौता कर लिए जाने की बात कही जा रही है। इस मामले में पुलिस ने तौसीफ के पिता, मां और चाचा की गिरफ्तारी के लिए वारंट हासिल कर रखे थे।
अपहरण की कोशिश में की थी निकिता की हत्या
बता दें कि हरियाणा के बल्लभगढ़ में परिवार के साथ रह रही उत्तर प्रदेश के हापुड़ निवासी निकिता तोमर अग्रवाल कॉलेज में B.Com फाइनल ईयर की छात्रा थी। 26 अक्टूबर 2020 को शाम करीब पौने 4 बजे जब वह परीक्षा देकर कॉलेज के बाहर निकली तो सोहना निवासी तौसीफ और रेहान ने कार में अगवा करने की कोशिश की। विरोध करने पर तौसीफ ने निकिता को गोली मार दी थी। अस्पताल में इलाज के दौरान उसकी मौत हो गई थी। दिनदहाड़े हुई यह वारदात CCTV कैमरे में कैद हो गई थी।
चार्जशीट में निकिता की सहेली समेत कुल 60 गवाह
मामले की गंभीरता को देखते हुए सरकार ने इस हत्याकांड की जांच SIT को सौंप दी तो टीम ने 5 घंटे के अंदर मुख्य आरोपी तौसीफ को सोहना से गिरफ्तार कर लिया। कुछ ही समय में उसके कार चालक साथी रेहान और हथियार उपलब्ध कराने वाले अजरूदीन को भी धर लिया गया। SIT ने महज 11 दिन में ही तमाम सबूत जमा करके 600 पेज की चार्जशीट तैयार की। 6 नवंबर को कोर्ट में दी गई चार्जशीट में निकिता की सहेली समेत कुल 60 गवाह बनाए गए हैं।
फास्ट ट्रैक कोर्ट में चल रही है सुनवाई
फरीदाबाद के पुलिस कमिश्नर OP सिंह ने इस केस की सुनवाई फास्ट ट्रैक कोर्ट में कराने के लिए गुजारिश की थी, जिसे स्वीकार कर लिया। इस केस की सुनवाई फास्ट ट्रैक कोर्ट में अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश सरताज बासवाना की कोर्ट में चल रही है।
गवाह बोला-मेरी आंखों के सामने कत्ल के बाद फेंका था तमंचा
7 दिसंबर की सुनवाई में निकिता को घायल अवस्था में अस्पताल पहुंचाने वाले आकाश भाटिया ने कोर्ट को बताया कि उसने तौसीफ और रेहान को निकिता की हत्या करके तमंचा फेंकते हुए देखा था। उसकी आंखों के सामने ही इन दोनों ने हत्या की थी।
सरकार के आदेश पर खुला है 2018 का अपहरण कांड
गौरतलब है कि सरकार ने इस हत्याकांड की जांच के साथ-साथ 2018 में निकिता के अपहरण कांड की भी दोबारा शुरू करने का आदेश दिया था। कोर्ट से अनुमति लेने के बाद पुलिस अपहरण कांड की भी जांच शुरू कर दी। इस बारे में बचाव पक्ष के वकील अनीस खान ने बताया कि हत्या के मुख्य आरोपी तौसीफ के पिता जाकिर हुसैन मां असमीना और चाचा जावेद के खिलाफ पुलिस ने गिरफ्तारी वारंट जारी कर रखा है। इसके लिए जाकिर हुसैन ने 6 जनवरी को कोर्ट में अग्रिम जमानत याचिका दायर की।
कोर्ट ने तौसीफ के माता-पिता और चाचा की गिरफ्तारी पर रोक लगा दी, लेकिन साथ ही दो दिन में जांच में शामिल होने का आदेश दिया है। कोर्ट 25 जनवरी को स्टेटस रिपोर्ट तलब की है। दूसरी ओर हत्या के संबंध में चल रही सुनवाई में सोमवार को सिर्फ एक की गवाही पूरी हो पाई। अनीस खान ने बताया कि उन्होंने कोर्ट के सामने उस वक्त दिए गए शपथ पत्र और आरोपी तौसीफ और निकिता के फोटो उपलब्घ कराए। निकिता ने FIR में भी तौसीफ के परिजनों का नाम नहीं दिया था।
उधर पीड़ित पक्ष के वकील एदल सिंह रावत ने बताया कि सोमवार को हत्याकांड में सुनवाई के दौरान निकिता का प्राथमिक उपचार करने वाले डॉक्टर GA नोमानी, एक पुलिसकर्मी, FSL इंचार्ज और फिंगरप्रिंट एक्सपर्ट की गवाही होनी थी, लेकिन केवल डॉक्टर की ही गवाही पूरी हो पाई। अन्य की गवाही मंगलवार को होगी।
पिता बोले, राजनैतिक दबाव में किया था समझौता
निकिता के पिता मूलचंद तोमर ने अपनी गवाही में बताया था कि वर्ष 2018 में तौसीफ ने निकिता को अगवा किया था। सूचना के दो घंटे बाद ही पुलिस ने निकिता को तौसीफ के घर से बरामद किया था। तौसीफ के परिवार के राजनैतिक रसूख के कारण दबाव में समझौता करने को मजबूर होना पड़ा। इसी का परिणाम है कि आज उनकी बेटी जिंदा नहीं है।
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