भारत चीन LAC विवाद – चीन के रक्षा मंत्री जनरल वेई फेंगे(Wei Fenghe) ने कहा कि सीमा पर जारी विवाद की वजह भारत है

चीन के साथ सीमा विवाद को लेकर रूस में हुयी बैठक की जो खबरें सामने आ रहीं हैं, उससे यही पता चलता है कि दोनों देशों की सीमा पर तनाव की स्थिति बरकरार है| लाइन ऑफ़ एक्चुअल कंट्रोल (LAC ) को लेकर चीन के रक्षा मंत्री जनरल वेई फेंगे ने सफाई देते हुए कहा कि सीमा पर जारी विवाद की वजह भारत है| चीनी सेना राष्ट्रीय अखंडता और क्षेत्रीय संप्रभुता की रक्षा करने में सक्षम है और चीन अपनी एक इंच जमीन भी नहीं छोड़ सकता। आपको बता दें कि 15 जून के गलवान झड़प के बाद ये भारत और चीन की पहली मुलाकात है| भारत और चीन के रक्षा मंत्रियों के बीच शुक्रवार को रूस में आमने-सामने 2.5 घंटे बातचीत हुई|
भारत की संप्रभुता और सीमाओं की रक्षा से कोई समझौता नहीं- राजनाथ सिंह
भारत के रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने चीनी रक्षा मंत्री जनरल वेई फेंगे से कहा कि- “गलवान घाटी समेत लाइन ऑफ एक्चुअल कंट्रोल (LAC) पर बीते कुछ महीनों में तनाव रहा है। सीमा पर चीन का अपने सैनिकों को बढ़ाना आक्रामक बर्ताव (aggresive behaviour) को दिखाता है। यह द्विपक्षीय समझौते का उल्लंघन है| भारतीय सेनाओं ने सीमा पर हमेशा संयमित व्यवहार दर्शाया है लेकिन, यह भी सच है कि इसी दौरान हमने भारत की संप्रभुता और सीमाओं की रक्षा से कोई समझौता नहीं किया। दोनों पक्षों को अपने नेताओं की समझ-बूझ के निर्देशन में काम करना चाहिए, ताकि सीमा पर शांति कायम रह सके।”
Met with the Chinese Defence Minister, General Wei Fenghe in Moscow. pic.twitter.com/Jex9gKCf98
— Rajnath Singh (@rajnathsingh) September 4, 2020
सैन्य विकल्प से पीछे नहीं हटेगा भारत- जनरल बिपिन रावत
जनरल बिपिन रावत ने LAC तनाव को लेकर और चीनी सेना दुआरा भारतीय सीमा का उल्लंघन करने पर हाल ही में बड़ा बयान दिया था कि ‘‘चीन के साथ बातचीत से विवाद नहीं सुलझा तो सैन्य विकल्प भी खुला है।
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चीनी रक्षा मंत्री जनरल वेई फेंगे बातचीत से समाधान के लिए तैयार
चीनी रक्षा मंत्री जनरल वेई फेंगे ने राजनाथ सिंह से कहा कि- “सीमा विवाद की वजह से दोनों देशों और दोनों सेनाओं के रिश्ते प्रभावित हुए हैं, ऐसे में दोनों रक्षा मंत्रियों के लिए ये जरूरी है कि वह आमने-सामने बैठकर मामले पर बात करें।”
10 सितंबर को भारत के पांचों राफेल वायुसेना में किए जाएंगे शामिल
ख़बरों की मानें तो चीन की Peoples Liberation Army Airforce (PLAF ) ने होतान एयरबेस पर जे-20 फाइटर प्लेन तैनात किए हैं। ये फाइटर 29-30 अगस्त की दरमियानी रात हुई घटना के पहले ही डिप्लॉय किए गए। होतान एयरबेस लद्दाख से नजदीक है। चीन ने ये तैनाती रणनीति के तहत की है। लड़ाकू विमान अब भी उड़ान भर रहे हैं लेकिन चिंता की कोई बात नहीं है क्यूंकि 10 सितंबर को भारत के पांचों राफेल(Rafale fighter jets) वायुसेना में शामिल किए जाएंगे।
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अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प ने भारत की मदद करने की पेशकश की
वहीँ भारत और चीन के सीमा विवाद में अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प ने मदद करने की पेशकश की है तथा प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी की जम कर तारीफ़ भी की| यह मदद की पेशकश चीन के ऊपर कूटनीतिक बढ़त बनाने के लिए भी थी तथा अमेरिका में मौजूद भारतीय मूल के अमेरिकी निवासियों को खुश करने के लिए भी थी| आप को बता दें कि अमेरिका में राष्ट्रपति चुनाव नज़दीक है तथा ट्रम्प हर मुमकिन मौके का चुनाव जीतने के लिए भरपूर इस्तेमाल करना चाह रहे हैं|